प्रधानमंत्री किसान पेंशन योजना में औसत प्रीमियम 100 रुपये माह

- प्रत्येक किसान को 60 साल की आयु पूरी करने पर 3,000 रु मासिक पेंशन देगी केंद्र सरकार
- किसानों को हर महीने औसम 100 रुपये का योगदान करना होगा
- पेंशन कोष किसान के अंशदान के बाराबर ही अपनी तरफ से योगदान करेगी
- कोष का प्रबंधन भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) करेगा
- किसी भी शिकायत के समाधान के लिये आनलाइन निपटान प्रणाली होगी
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री किसान पेंशन योजना के तहत लाभ के लिए किसानों को हर महीने औसम 100 रुपये का योगदान करना होगा। योजना को चुनने वाले किसानों को 60 साल की आयु पूरा होने पर 3,000 रुपये मासिक पेंशन मिलेगा।
इस योजना के तहत वह पेंशन कोष किसान के अंशदान के बाराबर ही अपनी तरफ से योगदान करेगी। इस कोष का प्रबंधन भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) करेगा।
नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली नई सरकार ने मंत्रिमंडल की हाल ही में हुई पहली बैठक में किसानों के लिये एक अलग पेंशन योजना को मंजूरी दी। इसका मकसद पहले तीन साल में 5 करोड़ लाभार्थियों को इस योजना के दायरे में लाना है। इससे सरकारी खजाने पर 10,774.5 करोड़ सालाना बोझ पड़ेगा।
केंद्र ने राज्यों से इस योजना को तुरंत लागू करने को कहा
नई योजना के बारे में राज्य के कृषि मंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये नई पर चर्चा के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से यथाशीघ्र इसे लागू करने को कहा।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार तोमर ने राज्यों से 18 से 40 वर्ष की आयु के बीच के किसानों का पंजीकरण करने का आग्रह किया था। इसके अलावा योजना के बारे में जागरूकता के लिए कदम उठाये को कहा।
मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री-किसान पेंशन योजना के तहत लाभार्थी की योजना से जुड़ने के समय औसत उम्र 29 साल है तो उसे 100 रुपये महीने का योगदान देना होगा। इसका मतलब है कि अगर लाभार्थी की उम्र 29 से कम है तो उसे योगदान कम देना होगा, वहीं 29 से अधिक उम्र होने पर उन्हें कुछ ज्यादा योगदान देना होगा।
केंद्र सरकार भी इसमें इतना ही योगदान देगी।
किसान प्रधानमंत्री-किसान योजना के तहत प्राप्त लाभ में से सीधे योगदान देने का विकल्प चुन सकते हैं। योजना में किसी भी शिकायत के समाधान के लिये आनलाइन निपटान प्रणाली होगी।