विश्व महिला मुक्केबाजी: मंजू रानी फाइनल में, मेरीकोम, जमुना और लोवलीना को कांस्य

उलान उदे:
पहली बार विश्व मुकाबला खेल रही भारत की मंजू रानी (48 किग्रा) ने शानदार प्रदर्शन के बूते फाइनल में प्रवेश किया लेकिन छह बार की चैम्पियन एम सी मेरीकोम (51 किलो), जमुना बोरो (54किग्रा) और लोवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा) को शनिवार को यहां विश्व महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
छठी वरीयता प्राप्त मंजू रानी ने सेमीफाइनल में थाईलैंड की चुटहामत रखसत को 4-1 से शिकस्त दी। अब उनका सामना रविवार को फाइनल में दूसरी वरीयता प्राप्त रूस की एकेटरीना पाल्टसेवा से होगा।
हरियाणा की मंजू रानी इस साल ही राष्ट्रीय शिविर में शामिल हुई हैं। उन्होंने कद काठी में अपने से ज्यादा मजबूत रखसत के सामने शानदार प्रदर्शन किया। पहले दो दौर में उन्होंने जवाबी हमले करना ही ठीक समझा। हालांकि स्ट्रांद्जा मेमोरियल की रजत पदकधारी मुक्केबाज अंतिम तीन मिनट में आक्रामक हो गयी। इस तरह मंजू रानी ने अपने सीधे और तेज तर्रार मुक्कों से थाईलैंड की मुक्केबाज को काफी परेशान किया और जीत के लिये अंक जुटाये।
मेरीकोम के अलावा पदार्पण कर रही एक अन्य मुक्केबाज जमुना बोरो (54 किग्रा) को सेमीफाइनल में हारने से कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। जमुना बोरो को शीर्ष वरीय और एशियाई खेलों की कांस्य पदकधारी चीनी ताइपे की हुआंग सियाओ वेन से 0-5 से हार मिली।

69 किग्रा भारवर्ग में भारत की ही लोवलीना बोरगोहेन को चीन की लांग लियू से हार कर कांस्य से संतोष करना पड़ा।
तीसरी वरीयता प्राप्त मेरीकोम को यूरोपीय चैम्पियनशिप और यूरोपीय खेलों की स्वर्ण पदक विजेता तुर्की की बुसेनाज काकिरोग्लू से 1 . 4 से पराजय झेलनी पड़ी। भारतीय दल ने मेरीकोम के फैसले का रिव्यू मांगा लेकिन अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ की तकनीकी समिति ने उनकी अपील खारिज कर दी । इस हार के बावजूद मेरीकोम ने महिला विश्व चैम्पियनशिप में सबसे ज्यादा पदक जीतने का रिकार्ड अपने नाम किया । यह विश्व चैम्पियनशिप का उनका आठवां और 51 किलोवर्ग में पहला पदक है ।